Thursday 30 June 2016

सुसंध्या 😊🌸🍃💐
व्यवहार का फूल बनिए,कनक नहीं...
मानकर चलिए कि ,
जिंदगी में व्यवहार ही सब कुछ होता है..जरा-सी बात कहूँगा कि सोना यानि कुंदन बनाम कनक बहुत मूल्यवान होता है..तब भी खुशबू तो नहीं दे सकता है न..मतलब कि वह तो सस्ते फूल 🌺 से ही आती है..इसमें सोचने वाली बात यह भी है कि  श्रृंगार के नजरिए से  जीवन में दोनों ही महत्वपूर्ण हैं..
अनुभव से बात इतनी-सी है कि ज्ञान रूपी कनक कितना भी ऊंचा  क्यों न हो, उसमें से खुशबू ,व्यवहार यानि आचरण के बिना नहीं आ सकती.. रोजमर्रा के व्यवहार में ध्यान रखिए कि महाज्ञान की तुलना में  आचरण/व्यवहार  में उतरा हुआ जरा-सा  भी ज्ञान बहुत श्रेष्ठ होता है...यूँ भी ऐसा सोना बनकर क्या फायदा ,जो व्यवहार से दूर हो..यानि बड़े हो जाएं तो भी व्यवहार में खुशबू वाले फूल बने रहिए...
🍀♦🍀🍂🌷⚛🍀🌸
😃आज फ़िर मुस्कुराईए  😀😀
आपका कल भी मंगलमय हो..🙏🌸
आपका शुभेच्छु 🙏🏻🌹
अजय जैन ' विकल्प '
[चीफ रिपोर्टर -स्वदेश समाचार पत्र, इंदौर ] ajayjainvikalp@gmail.com
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🍃🍃🍃🍂🍃🍃🍃🍃🍂

Wednesday 29 June 2016

शुभ संध्या...🌸💐🍃😊🍂
☄💫☄💫☄💫☄💫
 *कुछ विचारणीय बातें*

✅"जो मित्र आगे बढ़कर
     होटल के बिल का पेमेंट
     करतें हैं..
     वो इसलिए नहीं कि,
     उनके पास खूब पैसा है;

      बल्कि इसलिए कि……

      *उन्हें पैसों से अधिक*
      *अपने मित्र प्रिय हैं…!*

🌷"जो लोग हर काम में
     आगे रहतें हैं, वो इसलिए
     नहीं कि, वे मूर्ख होते हैं..

     बल्कि 
     इसलिए कि उन्हें……

     *अपनी जिम्मेदारी का*
     *अहसास होता है…!!*

🌀"जो लोग लड़ाई हो चुकने
     बाद भी क्षमा माँग लेते
     हैं, 
     वो इसलिए नहीं कि, वो
     गलत थे...

     बल्कि इसलिए कि....

     *उन्हें अपने लोगों की*
     *परवाह होती है…!!*

🌸"जो लोग आपकी मदद
     करने के लिए आगे आते
     हैं, वो इसलिए नहीं कि,
     आपका उन पर कोई कर्ज
     बाकी है..

     बल्कि इसलिए कि वे…

   *आपको अपना मानते हैं।*

🌿"जो लोग आपको रोज
     "सुप्रभात" अथवा
     "शुभरात्रि" का मैसेज
     भेजते हैं, वो इसलिए नहीं
     कि, वे फुरसतिया होतें हैं..

     बल्कि इसलिए कि..

      *उनमें सतत् आपके*
      *संपर्क में बने रहने की*
      *भावना होती है…!!
🍀🍀🍀🌷🍀🍀🍀
😃मुस्कुराते 😀रहिए 😀
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🍃🍃🍃🍂🍃🍃🍃🍃🍂

Monday 27 June 2016

मालिक बनो..

सुसंध्या  💐🌻😊🌸🍂
मालिक बनो ....न बनो ...मर्जी आपकी..

   हर इंसान को यह ग़लतफहमी होती है कि  जो हो रहा है, उस पर उसका कण्ट्रोल है.. इन्सान ही सब कुछ कर रहा है,ईश्वर कहीं नहीं है..अचानक ही कोई अनजानी ताकत सबकुछ बदल देती है..चाहे सुनामी हो या आसमानी तकलीफ..कुछ ही सेकण्ड्स लगते हैं सबकुछ बदल जाने में. फिर  यादआती है रब की.. दरअसल हमने खुद को ही हर काम में मालिक समझ लिया है..इसलिए कभी -कभी बड़ा मालिक किसी रुप में  मालिकाना हक बताने आ जाता है..वो यही कहता है कि मालिक- भक्ति के साथ के ,दुआ के ,
वफादारी के और  सत्संग व सात्विक विचारों के बनो..किसी को दुआ भी दो तो लगे कि दुआ के मालिक ने दिल से दुआ दी है.. मज़बूरी में काम मत करो..मन से करो..कई लोग ऊपरी मन से तारीफ करते  हैं..जैसे ' फेयर & लवली'..यानि मुँह धोते ही चमक ग़ायब..हमें सत्संग की क्रीम से जीवन  सुधारना है..और व्यवहार-कर्म  की फेयर क्रीम से हर रिश्ते को..
🍀🍀🍀🌷🍀🍀🍀
😃आज तो मुस्कुराईए  😀
आपका दिन मंगलमय हो..🙏🌸🍂
आपका शुभेच्छु 🙏🏻🌹
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Saturday 25 June 2016

सुसंध्या..😊💐🌷🌴

मेंढक...संघर्ष को समय रहते समझें..

एक बार अध्यापक बच्चों को कुछ सिखा रहे थे। उन्होंने एक छोटे बरतन में पानी भरा और उसमें एक मेंढक को डाल दिया। पानी में डालते ही मेंढक आराम से पानी में खेलने लगा। अब अध्यापक ने उस बर्तन को गैस पर रखा और नीचे से गर्म करना शुरू किया।
जैसे ही थोड़ा तापमान बढ़ा तो मेंढक ने अभी अपने शरीर के तापमान को थोड़ा उसी तरह adjust कर लिया। अब जैसे ही बर्तन का थोड़ा तापमान बढ़ता तो मेंढक अपने शरीर के तापमान को भी उसी तरह adjust कर लेता और उसी बर्तन में मजे से पड़ा रहता।
धीरे-धीरे तापमान बढ़ना शुरू हुआ, एक समय ऐसा भी आया जब पानी उबलने लगा और अब मेंढक की क्षमता जवाब देने लगी। अब बर्तन में रुके रहना संभव ना था। बस फिर क्या था, मेंढक ने बर्तन से बाहर निकलने के लिए छलांग लगाई , लेकिन अफ़सोस ऐसा हो ना सका। मेंढक अपनी पूरी ताकत लगाने के बावजूद उस पानी भरे बर्तन से नहीं निकल पा रहा था क्योंकि , अपने शरीर का तापमान adjust करने में ही वो सारी ताकत खो चुका था।
कुछ ही देर में गर्म पानी में पड़े पड़े मेंढक ने प्राण त्याग दिए।
अब अध्यापक ने बच्चों से पूछा कि -मेंढक को किसने मारा ?
कुछ बच्चों ने कहा – गर्म पानी ने……

लेकिन अध्यापक ने बताया कि मेंढक को गर्म पानी ने नहीं मारा, बल्कि वो खुद अपनी सोच से मरा है। जब मेंढक को छलांग मारने की आवश्यकता थी उस समय तो वो तापमान को adjust करने में लगा था.. उसने अपनी क्षमता का प्रयोग नहीं किया लेकिन जब तापमान बहुत ज्यादा बढ़ गया तब तक वह कमजोर हो चुका था।
दोस्तों ,🙏🏻 यही तो हम सब लोगों के जीवन की भी कहानी है। हम अपनी परिस्थितियों से हमेशा समझौता करने में लगे रहते हैं। हम परिस्थितियों से निकलने का प्रयास नहीं करते, उनसे समझौता करना सीख लेते हैं और सारा जीवन ऐसे ही निकाल देते हैं.. जब परिस्थितियां हमें बुरी तरह घेर लेती हैं तब हम पछताते हैं कि काश हमने भी समय पर छलांग मारी होती..
अच्छी -बुरी हर तरह की परिस्थितियां इंसान के सामने आती हैं लेकिन आपको परिस्थितियों से समझौता नहीं करना है। बहुत सारे लोग बुरी परिस्थितियों को अपना भाग्य मानकर ही पूरा जीवन दुःख  में काट देते हैं। बहुत अफ़सोस होता है कि लोग समय पर छलांग क्यों नहीं मारते..
याद रखिए कि
संघर्ष ही इंसान को जीना सिखाता है..
🍀🍀🍀🌷🍀🍀🍀
😃मुस्कुराते 😀रहिए 😀
आपका दिन मंगलमय हो..🙏🌸🍂
आपका शुभेच्छु 🙏🏻🌹
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Thursday 23 June 2016

जानिए अपने बारे में...

शुभ सुबह 😊🙏🏻💐🌸
आज कुछ अलग..
जानिए अपने बारे में...
1.वयस्क व्यक्तियों में अस्थियों की संख्या : → 206
2. खोपड़ी में अस्थियां : → 22
3. कशेरुकाओ की संख्या : →33
4. पसलियों की संख्या : →24
5. गर्दन में कशेरुकाएं : →7
6. श्वसन गति : →16 बार प्रति मिनिट
7. हृदय गति : →72 बार प्रति मिनिट
8. दंत सूत्र : → 2:1:2:3
9. रक्तदाब : →120/80
10. शरीर का तापमान : → 37 डिग्री 98.4 फ़ारेनहाइट
11. लाल रक्त कणिकाओं की आयु : → 120 दिन
12. श्वेत रक्त कणिकाओं  की आयु : →1 से 3 दिन
13. चेहरे की अस्थियां : → 14
14. जत्रुक की संख्या : →2
15. हथेली की अस्थियां : → 14
16 पंजे की अस्थियां : → 5
17. ह्दय की दो धड़कनों के बीच का समय : → 0.8 से.
18. एक श्वास में खींची गई वायु : →500 मि.मी.
19. सुनने की क्षमता : →20 से 120 डेसीबल
20. कुल दांत : →32
21. दूध के दांतों की संख्या : → 20
22. अक्ल दाढ़ निकलने की आयु : → 17 से 25 वर्ष
23. शरीर में अमीनो अम्ल की संख्या : → 22
24. शरीर में तत्वों की संख्या : → 24
25. शरीर में रक्त की मात्रा : → 5 से 6 लीटर (शरीर के भार का 7 प्रतिशत)
26. शरीर में पानी की मात्रा : → 70 प्रतिशत
27. रक्त का PH मान : → 7.4
28.  ❤का भार : → 300 ग्राम
29. महिलाओं के ह्‌दय का भार → 250 ग्राम
30. रक्त संचरण में लगने वाला समय → 22 से.
31. छोटी आंत की लंबाई → 22 फीट
33. शरीर में पानी की मात्रा → 22 लीटर
34. मष्तिष्क का भार → 1380 ग्राम
35. महिलाओं के मष्तिष्क का भार → 1250 ग्राम
36. गुणसूत्रों की संख्या → 23 जोड़े
37. जीन की संख्या →97 अरब
❤❤❤🍀🍀🌷🍀🍀🍀
बाकी बातों की तरह ही खुद के अमूल्य शरीर की भी फिक्र कीजिए..
😃मुस्कुराते 😀रहिए 😀
आपका दिन मंगलमय हो..🙏🌸🍂
आपका शुभेच्छु 🙏🏻🌹
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2. खोपड़ी में अस्थियां : → 22
3. कशेरुकाओ की संख्या : →33
4. पसलियों की संख्या : →24
5. गर्दन में कशेरुकाएं : →7
6. श्वसन गति : →16 बार प्रति मिनिट
7. हृदय गति : →72 बार प्रति मिनिट
8. दंत सूत्र : → 2:1:2:3
9. रक्तदाब : →120/80
10. शरीर का तापमान : → 37 डिग्री 98.4 फ़ारेनहाइट
11. लाल रक्त कणिकाओं की आयु : → 120 दिन
12. श्वेत रक्त कणिकाओं  की आयु : →1 से 3 दिन
13. चेहरे की अस्थियां : → 14
14. जत्रुक की संख्या : →2
15. हथेली की अस्थियां : → 14
16 पंजे की अस्थियां : → 5
17. ह्दय की दो धड़कनों के बीच का समय : → 0.8 से.
18. एक श्वास में खींची गई वायु : →500 मि.मी.
19. सुनने की क्षमता : →20 से 120 डेसीबल
20. कुल दांत : →32
21. दूध के दांतों की संख्या : → 20
22. अक्ल दाढ़ निकलने की आयु : → 17 से 25 वर्ष
23. शरीर में अमीनो अम्ल की संख्या : → 22
24. शरीर में तत्वों की संख्या : → 24
25. शरीर में रक्त की मात्रा : → 5 से 6 लीटर (शरीर के भार का 7 प्रतिशत)
26. शरीर में पानी की मात्रा : → 70 प्रतिशत
27. रक्त का PH मान : → 7.4
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30. रक्त संचरण में लगने वाला समय → 22 से.
31. छोटी आंत की लंबाई → 22 फीट
33. शरीर में पानी की मात्रा → 22 लीटर
34. मष्तिष्क का भार → 1380 ग्राम
35. महिलाओं के मष्तिष्क का भार → 1250 ग्राम
36. गुणसूत्रों की संख्या → 23 जोड़े
37. जीन की संख्या →97 अरब
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Wednesday 22 June 2016

अहसास...

🌸🙏सुसंध्या  😊💐

✅अहसास से अपनापन...
*रामायण कथा का एक अंश*..

जिससे हमें  *सीख* मिलती है *"एहसास"* की..

*श्री राम, लक्ष्मण एवं  सीता मैया* चित्रकूट पर्वत की ओर जा रहे थे..
राह बहुत *पथरीली और कंटीली* थी !
कि  यकायक *श्री राम* के चरणों मे *कांटा* चुभ गया !

श्रीराम *रूष्ट या क्रोधित* नहीं हुए, बल्कि हाथ जोड़कर धरती माता से *अनुरोध* करने लगे !
बोले- "माँ, मेरी एक *विनम्र प्रार्थना* है आपसे, क्या आप *स्वीकार* करेंगी ?"

*धरती* बोली- "प्रभु प्रार्थना नहीं, आज्ञा दीजिए !"
प्रभु बोले, "माँ, मेरी बस यही विनती है कि जब भरत मेरी खोज में इस पथ से गुज़रे, तो आप *नरम* हो जाना !
कुछ पल के लिए अपने आँचल के ये पत्थर और कांटे छुपा लेना !
मुझे कांटा चुभा, सो चुभा, पर मेरे भरत के पाँव में *आघात* मत करना"

श्री राम को यूँ व्यग्र देखकर धरा दंग रह गई !
पूछा- "भगवन, धृष्टता क्षमा हो ! पर क्या भरत आपसे अधिक सुकुमार है ?
जब आप इतनी सहजता से सब सहन कर गए, तो क्या कुमार भरत सहन नहीं  कर पाएँगें ?
फिर उनको लेकर आपके चित में ऐसी *व्याकुलता* क्यों ?"

*श्री राम* बोले- "नहीं ...नहीं माते, आप मेरे कहने का अभिप्राय नहीं  समझीं ! भरत को यदि कांटा चुभा, तो वह उसके पाँव को नहीं, उसके *हृदय* को विदीर्ण कर देगा !"
*"हृदय विदीर्ण* !! ऐसा क्यों प्रभु ?",
*धरती माँ* जिज्ञासा भरे स्वर में बोलीं !

"अपनी पीड़ा से नहीं  माँ, बल्कि यह सोचकर कि...इसी *कंटीली राह* से मेरे भैया राम गुज़रे होंगे और ये *शूल* उनके पगों में भी चुभे होंगे !
मैया, मेरा भरत कल्पना में भी मेरी *पीड़ा* सहन नहीं कर सकता, इसलिए उसकी उपस्थिति में आप *कमल पंखुड़ियों-सी कोमल* बन जाना..!!"
अर्थात...
*रिश्ते* अंदरूनी एहसास, आत्मीय अनुभूति के दम पर ही टिकते हैं ।
जहाँ *गहरी आत्मीयता* नहीं ,
वो रिश्ता शायद नहीं , परंतु *दिखावा* हो सकता है..
इसीलिए कहा गया है कि...
*रिश्ते*खून से नहीं, *परिवार* से नहीं ,
*मित्रता* से नहीं , *व्यवहार* से नहीं ,
बल्कि...
सिर्फ और सिर्फ *आत्मीय "एहसास"* से ही बनते और *निर्वहन* किए जाते हैं।
जहाँ *एहसास* ही नहीं,
*आत्मीयता* ही नहीं ..तो
वहाँ *अपनापन* कहाँ से आएगा..
इसलिए अहसास से आत्मीयता रखिए और रिश्तों में अपनापन भी..  
*हम सबके लिए प्रेरणास्पद लघुकथा*
🍀🍀🍀🌷🍀🍀🍀
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Monday 20 June 2016

सुसंध्या...🌸😊

सुसंध्या...🌸😊
भरोसे के रिश्ते..
जीवन में रिश्ते ओर भरोसे भी उतने ही ज़रूरी हैं, जितने सांस और पानी..इनके बिना जी सकते हैं पर शायद चेहरे पर खुशी /मुस्कान नज़र नहीं आएगी..इसलिए रिश्तों को ज़रूर जोड़िए पर भरोसा मत खोईए.. उनका साथ मत लीजिए ,जो
वक्त के साथ बदल जाएँ..
भरोसा उनका करिए , जो साथ दें..
यानि आपके लिए
उनका ख्याल तब भी
वैसा ही रहे,
जब आपका वक्त बदल जाए ...
🍀🍀🍀🌷🍀🍀🍀
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Sunday 19 June 2016

सुसंध्या

सुसंध्या 🙏🏻🌸❤
मार्टिन लूथर ने कहा था...

*"अगर तुम उड़ नहीं सकते तो, दौड़ो !
अगर तुम दौड़ नहीं सकते तो, चलो !*
*अगर तुम चल नहीं सकते तो, रेंगो !*
*पर आगे बढ़ते रहो"*..

यानि
अपनी सोच ओर दिशा बदलो
सफलता आपका स्वागत करेंगी...
 रास्ते पर कंकड़ ही कंकड़ हो तो भी एक अच्छा जूता पहनकर उस पर चला जा सकता है, लेकिन यदि एक अच्छे जूते के अंदर एक भी कंकड़ हो तो एक अच्छी सड़क पर भी कुछ कदम भी चलना मुश्किल है..
यानि , *"बाहर की चुनौतियों से नहीं*,
*हम अपनी अंदर की कमजोरियों*
*से हारते हैं"*....
 ध्यान रखिए कि हमारे विचार ही हमारा भविष्य तय करते हैं..
🍀🍀🍀🌷🍀🍀🍀
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Friday 17 June 2016

सुसंध्या

🌹सुसंध्या 🙏🏻🌸😃

केवल  सुकून की डुबकी...

ऐसा आप देखते ही हो कि ,आपके साथ बुरा व्यवहार होता है..तब भी जब कई बार आप सही होते हैं..ऐसे में आपको भी क्रोध आता ही होगा..पर शांति रखिए,परिणाम बदलने की खातिर..
आपके प्रति किसी के दुर्व्यवहार करने/ अपमान करने/ कटु शब्द बोलने पर एक क्षण-मात्र के लिए ही सही अपने ह्रदय की शांति में डुबकी मारकर  ही जवाब दें.. मन के ठीक विपरीत का विकल्प रूपी यह प्रयोग कुछ बार करके देखें.. आप पाएंगे कि सामने वाले व्यक्ति का व्यवहार बदलने लगेगा.. आपकी विजय सफलता के साथ आने  लगेगी..दरअसल शांति /सुकून ऐसा साम्राज्य है ,जिसको आप स्वयं संभाल सकते हैं.. बिना किसी सहायता के इस साम्राज्य के सम्राट बनकर आप हर व्यक्ति पर जीत सकते हैं..बस कोशिश करनी है..
 😊💐🌺🍀🌷🍀🌸🍀
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Wednesday 15 June 2016

सुसंध्या...

सुसंध्या
..छोटा-सा  विचार🙏🏻
🌸😊
"व्यवहार"....यानि आपकी पहचान...
ये आपके जीवन में
  "ज्ञान एवं पैसे"  से भी बड़ा होता है,
क्योंकि ,
 जब आपका
"ज्ञान और पैसा"  विफल हो जाता है,
तब..
उसी बोए हुए  "व्यवहार" से
स्थिति सम्भाली जा सकती है...
इसलिए किसी के साथ और कहीं भी
अपने व्यवहार की चिंता ज़रूर कीजिए..
यही भविष्य में आपके लिए
 काम की फसल साबित होगी...
🍀🍀🍀🌷🍀🍀🍀
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Sunday 12 June 2016

सुप्रभात...

😃सुप्रभात 🙏
🏻🌸आपका दिन शुभ रहे...यही कामना..
झांकी कीजिए, झांकिए मत..
उसके पास वो है ,मेरे पास क्यों नहीं ! उसका मुझे मिल जाए..बस यही जीवन में तकलीफदायी हो चुका है..मेहनत करें नहीं ,लेकिन चाहिए सब कुछ..जैसे यह सच है कि दूसरों के साथ हम जैसा व्यवहार करते हैं ,वैसा ही व्यवहार वे हमारे साथ करते हैं..ठीक इसी तरह हम दूसरों की जिंदगी और सुविधा में झांकेंगे तो वे भी हमें देखेंगे ही..इसी से सम्बन्ध भी खराब हो रहे हैं...यदि हम दूसरों के जीवन में अकारण परेशानी नहीं बनेंगे तो वे भी हमे  भला क्यों तकलीफ देंगे ?
बड़े ही आश्चर्य की बात है कि , हम मेहनत से सफल होकर सुविधाएँ हासिल करने की अपेक्षा दूसरों के जीवन को देखने यानि झांकने -जानने में समय लगाकर खुद को खुश समझते हैं..जबकि ये गलत है..होना यह चाहिए कि ,हम खुद अच्छे काम से अपनी झांकी (रुतबा ) करें और किसी की झांकी को झांकने से बचें..
आग्रह यही कि कर्म पथ पर बढ़ते रहिए,झांकी हो जाएगी..
मुस्कुराते 😀रहिए 😀हँसते रहिए 😀आपका कल भी मंगलमय हो🙏🍂🌻
आपका शुभेच्छु 🙏🏻🌹
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Saturday 11 June 2016

सुसंध्या..

🌸🙏😊🌺🌴सुसंध्या
एक छोटी-सी कहानी...
एक बार एक बेटा  बेहद बूढ़ी माँ को होटल में खाना खिलाने ले गया.. खाते समय भोजन माँ के चेहरे और कपड़े पर गिरता गया.. आस - पास बैठे लोग उन माँ - बेटे को बड़ी ही नफ़रत से देख रहे थे.. बेटा बिलकुल शांत था..वो  माँ को खाते हुए बड़े प्यार से देख रहा था..फिर वो माँ को हाथ धुलवाने ले गया..और उनकी सारी गन्दगी अपने हाथों से साफ़ की..बिल देकर वो जा रहा था कि पास बैठे एक बुजुर्ग ने उसको रोका.. बोला- "कुछ छोड़कर तो नहीं जा रहे हो बेटा ?"
बेटे ने जवाब दिया -"नहीं अंकल ".. फिर वो बुज़ुर्ग बोले -"तुम यहाँ दो चीजें  छोड़ कर जा रहे हो..
1. बूढ़े माँ - बाप को एक आशा और उम्मीद तुम जैसे बेटे की..
 2. बच्चों को एक सीख कि माँ - बाप का सम्मान मरते दम तक करना चाहिए"..
धन्यवाद..साभार..
जिंदगी बड़ी खूबसूरत है..
मुस्कुराते 😀रहिए 😀हँसते रहिए
 😀आपका दिन मंगलमय हो🙏🌸🍂🌻🌺🌿🌹
आपका शुभेच्छु 🙏🏻🌹
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Friday 10 June 2016

सुप्रभात 😃 कुछ अलग..🙏🏻🌸
धन की परिभाषा :
🔵जब कोई बेटा या बेटी ये कहे कि मेरे माँ बाप ही मेरे भगवान् हैं ...
ये है "धन"👍

🔵जब कोई माँ -बाप अपने बच्चों के लिए ये कहे कि ये हमारे कलेजे का कोर है.....
ये है "धन" 👍

🔵शादी के 20 साल बाद भी अगर पति- पत्नी एक दूसरे से कहें
I Love you...
ये है "धन" 👍

🔵कोई सास अपनी बहू के लिए कहे कि , ये मेरी बहू  नहीं बेटी है .. और कोई बहू  अपनी सास के लिए कहे कि , ये मेरी सास नहीं.. मेरी माँ है......
ये है "धन"👍

🔵जिस घर में बड़ो को मान और छोटों  को प्यार भरी नज़रों से देखा जाता है......
ये है "धन" 👍

🔵जब कोई अतिथि कुछ दिन आपके घर रहने के पशचात् जाते समय दिल से कहे  कि -आपका घर ...घर नहीं, मंदिर है....
ये है "धन"👍

🙏🏻💐मैं " ये दुआ करता हूँ कि आपको ऐसे "परम धन" की प्राप्ति हो..
आग्रह-बात अच्छी लगे तो कृपया आगे बढ़ाएं.
🍀🙏🏻🍀🌸🍀🌸🌷🍀😃
😃मुस्कुराते 😀रहिए 😀
आपका दिन मंगलमय हो..🙏🌸🍂
आपका शुभेच्छु 🙏🏻🌹
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[चीफ रिपोर्टर -स्वदेश समाचार पत्र, इंदौर ] ajayjainvikalp@gmail.com
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Monday 6 June 2016

मोहब्बत...

जा दी तुझे मोहब्बत की पेशगी ,
जिसे चाहा ,उसे बना ले बंदगी..
       😊अजय जैन ' विकल्प '

Sunday 5 June 2016

सुसंध्या

सुसंध्या  🙏🍀
नमक जैसी मौजूदगी बनिए ,पर खट्टा नहीं..🍀
जीवन है तो रिश्ते होंगे ही और तकलीफ भी..ऐसे में आपको अपनी मौजूदगी को नमक जैसा बनाना ही सबसे बेहतर है..
चौंकिए मत , सामने होकर भी नहीं दिखना ही  नमक से सीखना है..
उसका खट्टापन -तीखापन नहीं..
आपने अक्सर देखा होगा कि ,यह
 भोजन में रहता है
 मगर  दिखाई  नहीं  देता..
और महत्व (गुण )देखिए कि
अगर न हो तो  कमी ज़रूर महसूस होती है..💐
हमें भी खुद की उपस्थिति को विकल्प के रूप में  कामयानि महत्व का बनाने में भिड़ना चाहिए..💐
मतलब आप न दिखाई दें तो हर कोई पूछे..
तो ही तो आप गुणी हुए न..
जैसे कि  भोजन में कई  व्यंजन होने पर भी नमक तो याद आता ही है और चाहिए भी..
🍀🍀🍀🌷🍀🍀🍀
😃मुस्कुराते 😀रहिए 😀
आपका दिन मंगलमय हो..🙏🌸🍂🌻
आपका शुभेच्छु 🙏🏻🌹
अजय जैन ' विकल्प '
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Saturday 4 June 2016

रिश्ते...

😃🙏🏻🌺शाम की नमस्ते.. वंदन
छोटी -सी  बात..
रिश्तों की सिलाई
अगर भावनाओं से हुई है...
तो टूटना मुश्किल है
और
अगर स्वार्थ से हुई है..
"तो टिकना मुश्किल है.....
जीवन में यह सबको समझना होगा कि माँ -बाप का रिश्ता  ईश्वर भी नहीं लौटा सकता है..बाकी हर रिश्ता कीमती होकर भी दोबारा मिल जाएगा ,पर माँ-बाप यानि फरिश्ते एक जन्म में दूसरी बार नहीं मिलते हैं..इस विकल्प के सामने दुनिया के सारे बंधन फ़ीके हैं..इसलिए खास तौर पर इस सम्बन्ध को भावनाओं से कभी भी अलग मत कीजिए..जितना हो सके ,मतलब को त्यागिए..कम में -ग़म में खुश रहिए..भगवान इसकी चिंता करेगा और अच्छा फल मिलेगा..बस रिश्ते टिकाईए..🙏 🙏
जिंदगी बड़ी खूबसूरत है.. मुस्कुराते 😀रहिए 😀हँसते रहिए 😀आपका दिन मंगलमय हो..🙏🌸🍂🌻
आपका शुभेच्छु 🙏🏻🌹
अजय जैन ' विकल्प '
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Friday 3 June 2016

सुप्रभात

🌹सुप्रभात..जिंदगी को थोड़ा समझिए..
यह 3 पेज की पुस्तक की तरह है..पहला और अंतिम पेज भगवान ने लिख दिया है..
पहला पेज "जन्म ",
 अंतिम पेज "मृत्यु "..

बीच के पेज को हमें भरना है,
 'प्यार',
 'विश्वास' और
 'मुस्कराहट' द्वारा..तो उठिए ओर सम्बन्धों को मजबूत बनाते हुए रिश्ते बढ़ाइए..यही आपकी सांसों को जिंदा रखेंगे..😀🌺🙏
 याद रखिए कि ,
जिंदगी बड़ी खूबसूरत है.. मुस्कुराते 😀रहिए 😀हँसते रहिए 😀आपका दिन मंगलमय हो🙏🌸🍂🌻🌺🌿🌹
आपका शुभेच्छु 🙏🏻🌹
अजय जैन ' विकल्प '
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Thursday 2 June 2016

सुप्रभात

🙏🌸🙏सुप्रभात😀🌺🙏

वृक्ष की जड़ में पानी डालने से
 सबसे ऊंचे पत्ते तक भी
पहुँच जाता है..
उसी प्रकार श्रद्धापूर्वक की
 हुई स्तुति परमात्मा तक
 पहुंच ही जाती है..

सेवा सभी की करिए मगर,
 आशा किसी से भी ना रखिए..क्योंकि सेवा का सही मूल्य
 भगवान् ही दे सकते हैं..इंसान नहीं..
इसलिए कर्म करते रहिए.. जिंदगी बड़ी खूबसूरत है.. मुस्कुराते 😀रहिए 😀हँसते रहिए 😀
आपका दिन मंगलमय हो🙏🌸🍂🌻🌺🌿🌹
आपका शुभेच्छु 🙏🏻🌹
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Wednesday 1 June 2016

विचार विकल्प- मीठा बोलिए

मीठा बोलकर सारे जग को जीता जा सकता है ..वाणी द्वारा व्यक्ति हर किसी को अपना भी सकता है, और दूर भी कर सकता है..
"कुछ लोगों की कुछ बातों 
का इतना असर होता है कि ,
कुछ 💖 में उतर जाते हैं 
और कुछ  से उतर जाते हैं "..
इसलिए अपनी वाणी पर नियंत्रण और व्यवहार रखिए..यहाँ आप ही तय करेंगे कि ,दिल में रहेंगे या... जिंदगी बड़ी खूबसूरत है.. मुस्कुराते 😀रहिए 😀हँसते रहिए 😀
आपका दिन मंगलमय हो🙏🌸🍂🌻🌺🌿🌹
आपका शुभेच्छु 🙏🏻🌹
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