Wednesday 28 June 2017
Monday 26 June 2017
Saturday 24 June 2017
कश्ती....
किराए की कश्ती से समंदर पर
जीत कब मिलती है,
बेवफ़ाई हो गर आशिकी में,
तो उल्फ़त नहीं फलती है॥
#अजय जैन 'विकल्प'
जीत कब मिलती है,
बेवफ़ाई हो गर आशिकी में,
तो उल्फ़त नहीं फलती है॥
#अजय जैन 'विकल्प'
Friday 23 June 2017
Tuesday 20 June 2017
Sunday 18 June 2017
झूला..सुप्रभात
जीवन को संघर्षों का झूला ही समझिए,
इससे आप आगे-पीछे हो जाएँ तो डरिए मत,ऊँचाई भी यहीं मिलेगी।
🌸अजय जैन 'विकल्प'
इससे आप आगे-पीछे हो जाएँ तो डरिए मत,ऊँचाई भी यहीं मिलेगी।
🌸अजय जैन 'विकल्प'
Saturday 17 June 2017
मातृभाषा
🙏🏻मित्रों,जुड़ जाएँ बड़े हिन्दी मंच से..कमाईए बड़ा नाम..दीजिए स्वयं को पहचान..
सम्पर्क-97700 67300/
सह-संस्थापक:-अजय जैन 'विकल्प'
*मातृभाषा* हिन्दी पोर्टल पर प्रकाशित कुछ और नवीन रचनाएँ..अपनी ओर से रचना प्रेषण तथा हिन्दी के प्रचार का भी सहयोग बनाए रखिए..💐
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🔴 http://matrubhashaa.com/?p=3122
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Sunday 11 June 2017
🌸आपका दिन शुभ रहे...यही कामना..
झांकी कीजिए, झांकिए मत..
उसके पास वो है ,मेरे पास क्यों नहीं !
उसका मुझे मिल जाए..बस यही जीवन में
तकलीफदायी हो चुका है..मेहनत करें नहीं ,
लेकिन चाहिए सब कुछ..
जैसे यह सच है कि दूसरों के साथ हम जैसा व्यवहार करते हैं ,वैसा ही व्यवहार वे हमारे साथ करते हैं..
ठीक इसी तरह हम दूसरों की जिंदगी
और सुविधा में झांकेंगे तो वे भी हमें देखेंगे ही..
इसी से सम्बन्ध भी खराब हो रहे हैं...
यदि हम दूसरों के जीवन में
अकारण परेशानी नहीं बनेंगे तो
वे भी हमे भला क्यों तकलीफ देंगे ?
बड़े ही आश्चर्य की बात है कि ,
हम मेहनत से सफल होकर सुविधाएँ
हासिल करने की अपेक्षा दूसरों के
जीवन को देखने यानि झांकने -जानने में
समय लगाकर खुद को खुश समझते हैं..
जबकि ये गलत है..होना यह चाहिए कि ,
हम खुद अच्छे काम से अपनी
झांकी (रुतबा ) करें और किसी की
झांकी को झांकने से बचें..
आग्रह यही कि आपके पास कर्म पथ पर
जो अनगिनत विकल्प हैं ,उसमें से कुछ चुनिए
और बढ़ते रहिए,आपकी
झांकी हो ही जाएगी..
मुस्कुराते 😀रहिए 😀हँसते रहिए
😀आपका कल भी मंगलमय हो🙏🍂🌻
आपका शुभेच्छु 🙏🏻🌹
अजय जैन ' विकल्प '
[चीफ रिपोर्टर -स्वदेश समाचार पत्र, इंदौर ] ajayjainvikalp@gmail.com
indoreswadesh@gmail.com
9770067300🌹🌺🙏🍀🙏
🍃🍃🍃🍂🍃🍃🍃🌸🍃🍂
झांकी कीजिए, झांकिए मत..
उसके पास वो है ,मेरे पास क्यों नहीं !
उसका मुझे मिल जाए..बस यही जीवन में
तकलीफदायी हो चुका है..मेहनत करें नहीं ,
लेकिन चाहिए सब कुछ..
जैसे यह सच है कि दूसरों के साथ हम जैसा व्यवहार करते हैं ,वैसा ही व्यवहार वे हमारे साथ करते हैं..
ठीक इसी तरह हम दूसरों की जिंदगी
और सुविधा में झांकेंगे तो वे भी हमें देखेंगे ही..
इसी से सम्बन्ध भी खराब हो रहे हैं...
यदि हम दूसरों के जीवन में
अकारण परेशानी नहीं बनेंगे तो
वे भी हमे भला क्यों तकलीफ देंगे ?
बड़े ही आश्चर्य की बात है कि ,
हम मेहनत से सफल होकर सुविधाएँ
हासिल करने की अपेक्षा दूसरों के
जीवन को देखने यानि झांकने -जानने में
समय लगाकर खुद को खुश समझते हैं..
जबकि ये गलत है..होना यह चाहिए कि ,
हम खुद अच्छे काम से अपनी
झांकी (रुतबा ) करें और किसी की
झांकी को झांकने से बचें..
आग्रह यही कि आपके पास कर्म पथ पर
जो अनगिनत विकल्प हैं ,उसमें से कुछ चुनिए
और बढ़ते रहिए,आपकी
झांकी हो ही जाएगी..
मुस्कुराते 😀रहिए 😀हँसते रहिए
😀आपका कल भी मंगलमय हो🙏🍂🌻
आपका शुभेच्छु 🙏🏻🌹
अजय जैन ' विकल्प '
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Thursday 8 June 2017
अंतर..सुप्रभात...
सुप्रभात...
किसी के कहने पर बस इतना ही ध्यान दीजिए कि,'अच्छाई' और 'सच्चाई' का अंतर समझ सको।
🌸💮🌸💮🌹🌺🌻🌴🌱🌷🌼
किसी के कहने पर बस इतना ही ध्यान दीजिए कि,'अच्छाई' और 'सच्चाई' का अंतर समझ सको।
🌸💮🌸💮🌹🌺🌻🌴🌱🌷🌼
Tuesday 6 June 2017
Sunday 4 June 2017
Saturday 3 June 2017
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