आदरणीय मित्रों..🙏🏼💐
एक बार फ़िर दशहरा आया है,पर हमने इस एक साल में ऐसा क्या किया कि,हम बाहर के रावण कॊ जला रहे हैं..वो तो एक बुरे कर्म से अपनी प्रतिष्ठा-चरित्र और योग्यता गंवा बैठा,फ़िर भी था तो महाज्ञानी ही..इसलिए उसे ही जलाने से पहले या बेहतर हो कि,अपने कर्म अच्छे करने के लिए प्रयास किया जाए..इस कर्म से खुद कॊ जीतें,यानि पुरुषार्थ से प्रभु श्रीराम जैसे गुण पाएं..अपने मन की कमजोरियों यानि बुराइयों पर विजयश्री हासिल करना भी रावण का दहन ही है..इस बुरे लंकाधिपति-मेघनाथ कॊ मारकर मन की मर्यादा कॊ बढ़ाएं..यानि राम की पावनता के कर्म कॊ बसाएं..हम ईश्वर कॊ मानते हैं-अच्छा-बुरा अंतर समझते हैं तो
उसे पत्थरों-तस्वीरों से अलग जीवन-व्यवहार में उतारें..हम रावण रूपी जीव से बुराई की अपेक्षा उसकी विद्वता,ज्योतिष, विद्या पारंगतता,उपासना, कवित्व,कांति तथा हौंसला सीखें,तभी विकल्प अर्थात मोक्ष की राह बनेगी..
आपको दशहरा यानि विजयादशमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ..ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि,आप और परिवार सदैव सुखी,समृद्ध,शांतिमय तथा खुशहाल रहे..आपका हर दिन शुभ हो॥🙏🙏
🌸🌸🌸🌸🌸🌸
🔵अजय जैन 'विकल्प'
#सह संस्थापक मातृभाषा.कॉम(हिन्दी पोर्टल)
9770067300
#वरिष्ठ विशेष संवाददाता -दैनिक स्वदेश,इंदौर (मध्यप्रदेश)
#समूह सम्पादक-ख़बर हलचल न्यूज़,इंदौर
------------------------- www.matrubhashaa.com matrubhashaa@gmail.com
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(O) 0731-4977455
सादर धन्यवाद।
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उसे पत्थरों-तस्वीरों से अलग जीवन-व्यवहार में उतारें..हम रावण रूपी जीव से बुराई की अपेक्षा उसकी विद्वता,ज्योतिष, विद्या पारंगतता,उपासना, कवित्व,कांति तथा हौंसला सीखें,तभी विकल्प अर्थात मोक्ष की राह बनेगी..
आपको दशहरा यानि विजयादशमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ..ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि,आप और परिवार सदैव सुखी,समृद्ध,शांतिमय तथा खुशहाल रहे..आपका हर दिन शुभ हो॥🙏🙏
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