माननीय सुसंध्या 💐..
*ये भी तोआश्चर्य ही*...
गाँव के स्कूल में पढ़ने वाली छुटकी आज बहुत खुश थी.. उसका दाखिला शहर के अच्छे स्कूल में क्लास 6 में हो गया था..
आज स्कूल का पहला दिन था..वो समय से पहले ही तैयार होकर बस का इंतज़ार कर रही थी. बस आई और छुटकी बड़े उत्साह के साथ सवार हो गई..
करीब 1 घंटे बाद जब बस स्कूल पहुंची तो सारे बच्चे उतर कर अपनी-अपनी क्लास में जाने लगे..छुटकी भी बच्चों से पूछते हुए अपनी क्लास में पहुंची..
क्लास के बच्चे गाँव से आई इस लड़की को देखकर मजाक उड़ाने आगे..
'साइलेंस!', टीचर बोली, 'चुप हो जाइए आप सब…'
'ये छुटकी है, और आज से ये आपके साथ ही पढ़ेगी।'
उसके बाद टीचर ने बच्चों को सरप्राइज टेस्ट के लिए तैयार होने को कह दिया..
'चलिए, अपनी-अपनी कॉपी निकालिए और जल्दी से 'दुनिया के 7 आश्चर्य लिख डालिए'.., टीचर ने निर्देश दिया..
बच्चे जल्दी जल्दी उत्तर लिखने लगे.. छुटकी भी धीरे-धीरे अपना उत्तर लिखने लगी..
जब सबने अपनी कॉपी जमा कर दी तब टीचर ने छुटकी से पूछा, 'क्या हुआ बेटा, आपको जितना पता है उतना ही लिखिए, इन बच्चों को तो मैंने कुछ दिन पहले ही दुनिया के सात आश्चर्य बताए थे..'
'जी, मैं तो सोच रही थी कि इतनी सारी चीजें हैं…इनमें से कौन-सी 7 चीजें लिखूं….', छुटकी टीचर को अपनी कॉपी थमाते हुए बोली..
टीचर ने सबकी कापियां जोर-जोर से पढ़नी शुरू कीं..ज्यादातर बच्चों ने अपने उत्तर सही दिए थे…
ताजमहल
चीचेन इट्ज़ा
क्राइस्ट द रिडीमर की प्रतिमा
कोलोसियम
चीन की विशाल दीवार
माचू पिच्चू
पेत्रा.......
टीचर खुश थीं कि बच्चों को उनका पढ़ाया याद था.. बच्चे भी काफी उत्साहित थे और एक दूसरे को बधाई दे रहे थे…
अंत में टीचर ने छुटकी की कॉपी उठाई..उसका उत्तर भी सबके सामने पढ़ना शुरू किया….
दुनिया के 7 आश्चर्य हैं:
*देख पाना..
सुन पाना..
किसी चीज को महसूस कर पाना..
हँस पाना...
प्रेम कर पाना..
सोच पाना..
दया कर पाना...*
छुटकी के उत्तर सुन पूरी क्लास में सन्नाटा छा गया..टीचर भी अवाक खड़ी थी…आज गाँव से आई एक बच्ची ने उन सभी को भगवान् के दिए उन अनमोल तोहफों का आभास करा दिया था,जिनके तरफ उन्होंने कभी ध्यान ही नहीं दिया था..
सचमुच , गहराई से सोचा जाए तो हमारी ये देखने…सुनने…सोचने…समझने… जैसी शक्तियां किसी आश्चर्य से कम नहीं हैं, ऐसे में ये सोच कर दुखी होने की बजाए कि हमारे पास क्या नहीं है,हमें ईश्वर के दिए इन अनमोल तोहफों के लिए शुक्रगुजार होना चाहिए.. और जीवन की छोटी-छोटी बातों में छिपी खुशियों को मिस नहीं करना चाहिए..
निवेदन🙏🏻खुद को खुशी दीजिए..आश्चर्य दुनिया में ही नहीं ,घर ,दोस्तों और परिजनों में भी मिलता है..
बात अच्छी लगी हो इसकी खुशबू ज़रूर फैलाएं..
कर्म कीजिए ..कामयाब रहिए..
🍁🌴🍄🌾🌴🍀♦
😃 बस यूँ ही मुस्कुराईए 😀
आपका कल भी मंगलमय हो..
🌴🍄🌾🌴🍀♦🌲🍃🌺
आपका शुभेच्छु 🙏🌹
अजय जैन ' विकल्प '
[चीफ रिपोर्टर -स्वदेश समाचार पत्र, इंदौर ] ajayjainvikalp@gmail.com
indoreswadesh@gmail.com
9770067300
(🙏फेसबुक ,ब्लॉग ,पेज और शेयर चेट पर भी उपलब्ध..
हर संदेश पर आपकी किसी भी प्रतिक्रिया के इंतजार में.. )🍂🌹🍂🌹🍁
*ये भी तोआश्चर्य ही*...
गाँव के स्कूल में पढ़ने वाली छुटकी आज बहुत खुश थी.. उसका दाखिला शहर के अच्छे स्कूल में क्लास 6 में हो गया था..
आज स्कूल का पहला दिन था..वो समय से पहले ही तैयार होकर बस का इंतज़ार कर रही थी. बस आई और छुटकी बड़े उत्साह के साथ सवार हो गई..
करीब 1 घंटे बाद जब बस स्कूल पहुंची तो सारे बच्चे उतर कर अपनी-अपनी क्लास में जाने लगे..छुटकी भी बच्चों से पूछते हुए अपनी क्लास में पहुंची..
क्लास के बच्चे गाँव से आई इस लड़की को देखकर मजाक उड़ाने आगे..
'साइलेंस!', टीचर बोली, 'चुप हो जाइए आप सब…'
'ये छुटकी है, और आज से ये आपके साथ ही पढ़ेगी।'
उसके बाद टीचर ने बच्चों को सरप्राइज टेस्ट के लिए तैयार होने को कह दिया..
'चलिए, अपनी-अपनी कॉपी निकालिए और जल्दी से 'दुनिया के 7 आश्चर्य लिख डालिए'.., टीचर ने निर्देश दिया..
बच्चे जल्दी जल्दी उत्तर लिखने लगे.. छुटकी भी धीरे-धीरे अपना उत्तर लिखने लगी..
जब सबने अपनी कॉपी जमा कर दी तब टीचर ने छुटकी से पूछा, 'क्या हुआ बेटा, आपको जितना पता है उतना ही लिखिए, इन बच्चों को तो मैंने कुछ दिन पहले ही दुनिया के सात आश्चर्य बताए थे..'
'जी, मैं तो सोच रही थी कि इतनी सारी चीजें हैं…इनमें से कौन-सी 7 चीजें लिखूं….', छुटकी टीचर को अपनी कॉपी थमाते हुए बोली..
टीचर ने सबकी कापियां जोर-जोर से पढ़नी शुरू कीं..ज्यादातर बच्चों ने अपने उत्तर सही दिए थे…
ताजमहल
चीचेन इट्ज़ा
क्राइस्ट द रिडीमर की प्रतिमा
कोलोसियम
चीन की विशाल दीवार
माचू पिच्चू
पेत्रा.......
टीचर खुश थीं कि बच्चों को उनका पढ़ाया याद था.. बच्चे भी काफी उत्साहित थे और एक दूसरे को बधाई दे रहे थे…
अंत में टीचर ने छुटकी की कॉपी उठाई..उसका उत्तर भी सबके सामने पढ़ना शुरू किया….
दुनिया के 7 आश्चर्य हैं:
*देख पाना..
सुन पाना..
किसी चीज को महसूस कर पाना..
हँस पाना...
प्रेम कर पाना..
सोच पाना..
दया कर पाना...*
छुटकी के उत्तर सुन पूरी क्लास में सन्नाटा छा गया..टीचर भी अवाक खड़ी थी…आज गाँव से आई एक बच्ची ने उन सभी को भगवान् के दिए उन अनमोल तोहफों का आभास करा दिया था,जिनके तरफ उन्होंने कभी ध्यान ही नहीं दिया था..
सचमुच , गहराई से सोचा जाए तो हमारी ये देखने…सुनने…सोचने…समझने… जैसी शक्तियां किसी आश्चर्य से कम नहीं हैं, ऐसे में ये सोच कर दुखी होने की बजाए कि हमारे पास क्या नहीं है,हमें ईश्वर के दिए इन अनमोल तोहफों के लिए शुक्रगुजार होना चाहिए.. और जीवन की छोटी-छोटी बातों में छिपी खुशियों को मिस नहीं करना चाहिए..
निवेदन🙏🏻खुद को खुशी दीजिए..आश्चर्य दुनिया में ही नहीं ,घर ,दोस्तों और परिजनों में भी मिलता है..
बात अच्छी लगी हो इसकी खुशबू ज़रूर फैलाएं..
कर्म कीजिए ..कामयाब रहिए..
🍁🌴🍄🌾🌴🍀♦
😃 बस यूँ ही मुस्कुराईए 😀
आपका कल भी मंगलमय हो..
🌴🍄🌾🌴🍀♦🌲🍃🌺
आपका शुभेच्छु 🙏🌹
अजय जैन ' विकल्प '
[चीफ रिपोर्टर -स्वदेश समाचार पत्र, इंदौर ] ajayjainvikalp@gmail.com
indoreswadesh@gmail.com
9770067300
(🙏फेसबुक ,ब्लॉग ,पेज और शेयर चेट पर भी उपलब्ध..
हर संदेश पर आपकी किसी भी प्रतिक्रिया के इंतजार में.. )🍂🌹🍂🌹🍁